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आचार्य डॉ. श्याम सुरेश का वैश्विक मानवीय मिशन: भूखा न रहे कोई

सूरत, 11 जुलाई: सूरत शहर के नागरिकों के हृदय में, साईं मंदिर संस्थान आस्था के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में उभरा है, जहाँ भोजन सेवा  केवल एक आवश्यकता नहीं है किन्तु यह प्रेम और उत्थान का प्रसाद है।

आचार्य डॉ. श्याम सुरेश के निस्वार्थ मार्ग दर्शन में साईं मंदिर संस्थान गुजरात के सबसे प्रभावशाली अन्न राहत सेवा केंद्रों में से एक बन गया है, जो आध्यात्मिकता को बड़े पैमाने पर मानवीय सेवा के साथ जोड़ता है।

2019 में शुरू की गई, मंदिर की इस पहलको  – साईं भंडारा सेवा – हर दिन सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक बिना रुके गर्म, पौष्टिक भोजन परोसा जाता हैै, जो गुरुवार और रविवार को रात 10 बजे तक चलता है। प्रत्येक सप्ताह, संस्थान गुरुवार और रविवार को 4,000 से अधिक, शनिवार को 3,000 से अधिक तथा सप्ताह के दिनों में 1,000 से अधिक व्यक्तिओंको भोजन परोसा जाता है – यह सब साईं मंदिर संस्थान के सभी आगंतुकों को सम्मान, प्रेम और बिना किसी जात पात के भेदभाव से मुक्त हो कर निःशुल्क प्रदान किया जाता है।

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आचार्य डॉ. श्याम सुरेश ने हमें बताया कि, “सबसे अमीर भक्त भी गरीब भक्तों के साथ बैठते हैं और श्री साईं बाबा के भंडारे का आनंद लेते हैं, भोजन दिन में तीन से चार बार तैयार किया जाता है ताकि हम गर्म, ताजा और सात्विक भोजन परोस सकें, इसके अलावा  हम नियमित रूप से कवालीटी जांच करते हैं, ताकि कच्चे माल और चैरिटी किचन की स्वचालित मशीनों की स्वच्छता और सफाई सुनिश्चित हो सके।”

35 से अधिक वर्षों से, आचार्य डॉ. श्याम सुरेश श्री साईं बाबा के प्रति पूर्ण समर्पित हैं, साईं बाबा के संदेश का प्रसार करते हैं कि अन्न सेवा सबसे बड़ी सेवा है।  संसथान के समर्पित  सेवादार द्वारा यह सेवा सफल हो रही है,

डॉ. श्याम सुरेश का मिशन स्पष्ट है: कोई भी आत्मा भूखी न सोए, और हर भोजन में दिव्य प्रेम की ऊर्जा होनी चाहिए।

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